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BHANUPRATAPUR. छत्तीसगढ़ में पैंगोलिन की तस्करी करने का एक मामला सामने आया है। मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने तस्करों के साथ एक जिंदा पैंगोलिन भी बरामद किया है। इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के बाद इस गिरोह में शामिल और भी लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
मुखबिर की सूचना पर आरोपियों को पकड़ा
वन विभाग को सूचना मिली थी कि कोयलीबेड़ा इलाके से कुछ लोग पैंगोलिन को तस्करी कर बेचने ले जा रहे हैं। इसकी सूचना पर विभाग की टीम लगातार पीछा करते हुए भानुप्रतापपुर के खंडी नदी के पास पहुंची। यहां टीम ने आंध्रप्रदेश की कार में सवार 5 आरोपियों को पकड़ा है। इनके पास से पुलिस ने जिंदा पैंगोलिन को जब्त किया। इसमें शामिल मुख्य आरोपी देवानंद कालीपद, राजेंद्र राजपूत,धनवीर ये तीनों पालारास सुकमा निवासी हैं। आरोपियों में एक इंजीनियर, एक ड्राइवर है।
कोयलीबेड़ा क्षेत्र के सहदु राम और उसकी पत्नी दसरी निवासी कुरुसबोडी हैं, जो देवानंद कालीपद के सास ससुर हैं। बता दें कि पैंगोलिन एक दुर्लभ जीव है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। इसका बाजार में कीमत 12 से 15 लाख रुपए हो सकती है। इसके मांस और इसकी शैल का उपयोग दवा के लिए किया जाता है। कोयलीबेड़ा के कुरुसबोडी के सहदु राम ने बताया पांच दिन पहले पेंगोलिन आया था, जिसे पकड़कर रखा था। वहीं भानुप्रतापपुर रेंजर देवलाल दुग्गा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर आरोपियों को खंडी नदी के पास से पकड़ा है।
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पैंगोलिन को जिंदा रखने के लिए खिलाते थे अंडा
आरोपी सहदु राम ने वन विभाग को बताया कि 5 दिन पहले ही पैंगोलिन को पकड़ा था, इसे जिंदा रखने के लिए अंडे खिलाते थे। मेरे दामाद देवानंद सुकमा ने बोला कि पैंगोलिन को भानुप्रतापपुर तक लेकर आना है, जिसके बदले 10 हजार मिलेंगे, आरोपी ने बताया कि पैंगोलिन को किसे बेचना है कितने बेचना है, इसकी जानकारी उनके पास नहीं नहीं है। वहीं रेंजर देवलाल दुग्गा ने मामले की जानकारी साझा करते हुए बताया कि मुखबिर की सूचना के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हुई और खंडी नदी के पास से तस्करों के गिरफ्तार किया गया।